प्यारी साध संगत जी,
वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।
हमारी जिंदगी के बहुत से ऐसे पहलू हैं जहाँ पर कुछ विषयों और मसलों से अगर बचाव ना किया जाए तो वह बहुत घातक साबित हो सकते हैं। अगर समय रहते हुए या pro-active, सक्रिय होकर हम ऐसे विषयों पर सावधानियाँ बरतें और अपना सही बचाव करें तो यकीन मानिए कि हमारी जिंदगी में होने वाले बहुत से हादसे टाले जा सकते हैं और जिंदगी को सही रखा जा सकता है, बेहतर बनाया जा सकता है। यह बचाव हम अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत और स्थिति, आध्यात्मिक और आत्मिक स्थिति, व सामाजिक, आर्थिक और रोज़मर्रा की जिंदगी के बहुत से पहलुओं में कर सकते हैं।
Offence is the best defense. आक्रमण ही सबसे बढ़िया बचाव है। हर वह विषय और मसला जिससे हमें बचाव करना है, सावधानियाँ बरतनी हैं अगर उन पर धावा बोल दिया जाए, आक्रमण कर दिया जाए तो कामयाबी का मिलना तय है। आप सब अच्छी तरह से जानते हैं कि मानवता और गुरसंगत के जीवन-स्तर, जिंदगी के हर दर्जे को बढ़ाने के लिए मैं committed, वचनबद्ध हूँ और यही मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा लक्ष्य, उद्देश्य है। इन सबको जहन में रखते हुए मैं एक नया initiative, अगुआई कर रहा हूँ, कदम उठा रहा हूँ जिसका नाम है आक्रमण। यह हमारा proactive initiative यानि कि सक्रिय कदम है उन सब विषयों के लिए जिनसे हमें बचाव की जरूरत है। आपको हर साल इसके दो अंक हुक्मनामों के साथ मिलेंगें।उम्मीद करता हूँ कि इस उपक्रम, पहल से हमारी जिंदगी में कुछ ना कुछ अच्छा असर ज़रूर पड़ेगा और मुझे पूरा भरोसा है कि आप इस पहल में भी मेरा पूरा साथ देंगे और इसकी क़दर करेंगे।
वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।
गुरसंगत का दास
संतरेन डॉ. हरभजन शाह सिंघ गद्दी नशीन
आक्रमण आग से बचाव (Fire Safety)
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अंक 1 :
आग के बिना इंसानी जिंदगी अधूरी है। इंसान हजारों साल से आग के साथ अपनी जिंदगी बसर करता आ रहा है और आग के इस्तेमाल ने इंसान को जानवरों की श्रेणी से निकाल कर इंसानी जामा पहनाने में बहुत बड़ी मदद की है। आग के बिना इंसानी जिंदगी की कल्पना करना भी मुश्किल है। इसी आग के साथ जरा सी छेड़छाड़, नादानी, लापरवाही करना या जाने-अनजाने में आग का बेकाबू हो जाना भयंकर तबाही और इंसानी जान-माल के नुकसान की वजह बन जाता है।
आग के बारे में यह अच्छी तरह से जान लीजिए :
1. आग बहुत गर्म होती है। आग की गर्मी और धुँआ इसकी लपटों से ज़्यादा खतरनाक साबित होते हैं।
2. आग बहुत तेज़ रफ्तार से फैलती है। याद रखिए सिर्फ दो मिनट के अंदर ही एक छोटी सी चिंगारी life threatening यानि कि जानलेवा और घातक सिद्ध हो सकती है।
3. Fire is dark : आग रहस्यमयी और काली भी है। आग से निकली जहरीली गैस लपटों से कहीं ज्यादा घातक होती हैं और इंसान को एक गहरी, जहरीली नींद में डुबा देती हैं। Asphyxiation, दम घुटने से होने वाली मौतें जलने के मुकाबले तीन गुना ज्यादा होती हैं।
आग से बचाव :
1. माचिस, लाईटर, मोमबत्तियों और दियों को बच्चों से दूर रखिए। जितना मुमकिन हो सके माचिस की जगह लाईटर का इस्तेमाल करना चाहिए। Novelty lighters यानि कि ऐसे लाईटर जो लुभावने लगते हैं या खिलौनों की तरह दिखते हैं उन्हें कभी भी ना लें।
2. घरों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण है रसोई में या खाना बनाते वक्त लगी आग ।
खाना बनाते वक्त सावधानियाँ :
(i) कभी भी ढीले कपड़े पहनकर खाना नहीं बनाना चाहिए। खाना बनाते वक्त (tight) तंग और खासकर tight sleeves यानि कि तंग आस्तीन के कपड़े ही पहनने चाहिए। ध्यान रखिए कि आपकी कमीज़, कुरते गाऊन, apron या टी-शर्ट आदि का कोई भी हिस्सा आग के आस पास ना हो।
किसी भी तरह का, कोई भी झाड़ने-पौंछने वाला कपड़ा (duster), apron, तौलिया, परदा, लकड़ी का कोई भी सामान, कागज या tissue paper, तेल-घी आदि गैस स्टोव या ओवन से दूर होने चाहिऐं ।
(ii) कभी भी जलती हुई आग पर या गर्म ओवन में बनते हुए, रखे हुए या गर्म होते हुए खाने के किसी भी item, सामान को unattended, बिना निगरानी के ना छोड़ें। खासतौर पर तलते (frying) हुए, भूनते और सेकते हुए (grilling and broiling) व उबलते हुए (boiling) खाने के सामान को कभी भी छोड़ कर ना जाएँ। अगर जाना पड़ता है तो गैस स्टोव या ओवन को बंद कर दें।
(iii) चिकनाहट, तेल या घी से लगी आग पर :
(क) कभी भी पानी, चीनी या आटा ना डालें।
(ख) जल्दी से गैस स्टोव को बंद कर दें।
(ग) ऐसी छोटी आग को बुझाने के लिए उस पर बेकिंग सोडा डालें।
(घ) जल्दी से जल्दी जिस भी बर्तन में आग लगी है उसे किसी ढक्कन से ढक दें।
(ङ) कभी भी आग पकड़े हुए बर्तन को ना तो उठाकर फेंकने की और ना ही हाथ में लेकर दौड़ने की कोशिश करें।
(च) ऐसे हादसों से बचने के लिए रसोई या घर में छोटा, multi-purpose fire-extinguisher यानि कि आग बुझाने वाला यंत्र का होना और उसका इस्तेमाल करना आना बहुत ज़रूरी है।
(v) किसी भी एल्यूमीनियम फोएल (aluminium foil) में लिपटी या रखी हुई किसी भी खाने की चीज़ को गलती से भी microwave या किसी और ओवन में गर्म ना करें।
(vi) खाना बन जाने या गर्म हो जाने के बाद गैस-स्टोव, microwave या ओवन को हमेशा बंद (switch off) कर दें।
(vii) गैस के सिलिंडर पर रेग्युलेटर (regulator) को ठीक से लगाऐं और समय-समय पर सिलिंडर से स्टोव तक गैस लाने वाले पाईप का मुआयना करते रहें और समय रहते उसे बदलते रहें ।
3. बिजली की तारें और उपकरण (Electrical wiring and gadgets):
(i) नंगी, कटी, टूटी या घिसी हुई तारों को जल्दी से जल्दी बदल दें व कभी भी इस्तेमाल ना करें। ऐसी तारें जो नंगी हों और जिन पर insulator या अवरोधक ना हो उन्हें गलती से भी ना छुऐं । तारों को काटकर उनमें कभी भी joints या जोड़ ना लगाऐं। अगर मजबूरी या emergency में तारों को जोड़ना भी पड़ता है तो जोड़ों को अच्छी तरह से tape लगाकर ढक दें।
(ii) कभी भी बिजली की तारों को कालीन, दरियों या गद्दों के नीचे ना डालें और ना ही कील या खूँटों पर लटकाएं।
(iii) Crack, टूटे हुए या खराब plugs और sockets आदि को जल्दी से जल्दी बदल दें।
(iv) एक ही socket के ऊपर overload या बहुत ज़्यादा बोझा ना डालें, उस पर कई उपकरण एक साथ ना चलाऐं।
(v) Extension cords जिसमें तीन plug वाले कई sockets होते हैं उनका कम से कम इस्तेमाल करें। इस्तेमाल करते हुए उन पर कम से कम load या बोझा डालें।
(vi) Microwave या किसी भी ओवन, room-heater, cooler और फ्रिज आदि को कभी भी extension cord पर ना चलाऐं।
(vii) Room-heater के आस-पास कम से कम तीन फुट तक कुछ भी ना रखें। चलते हुए heaters को बच्चों और पालतू जानवरों की पहुँच से दूर रखें ।
(viii) रात को सोते समय और घर से बाहर जाते हुए बिजली के सभी उपकरणों और plugs को बंद (switch off) कर दें।
(ix) भूल से भी कभी जलती हुयी मोमबत्ती, माचिस की तीली या लाईटर किसी भी चलते हुये, बन्द या खराब जनरेटर, इन्वर्टर या बैटरी के पास ना ले जायें।
(x) समय-समय पर बिजली की तारों, plugs और sockets का मुआयना करते रहें ।
4. Flammable material यानि कि ज्वलनशील सामग्री या आग पकड़ने वाले सामान जैसे कि गैस के सिलिंडर, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, डीजल, ग्रीस आदि को बिल्कुल एकांत जगह पर रखें जो बच्चों, पालतू जानवरों, बिजली के उपकरणों और connections आदि से दूर हो।
5. मोमबत्तियाँ बहुत ही लुभावनी और आकर्षक होती हैं। कभी भी जलती हुई मोमबत्ती या दिये को तब तक आँखों से ओझल ना करें जब तक की वह बुझ नहीं जाते। जलती हुई मोमबत्ती या दिये के एक फुट के दायरे में कोई भी आग पकड़ने वाली चीज ना रखें और इन्हें ऐसी सतह पर रखकर जलाएं जो insulator यानि कि अवरोधक हों।
6. धूम्रपान (smoking) का बहिष्कार करना चाहिए। फिर भी जिन लोगों को यह लत लग जाती है उन्हें:
(i) घर के अंदर खासतौर पर बिस्तर के ऊपर या अंदर,
(ii) किसी भी दवाई के असर या नशे की हालत में,
(iii) Oxygen, ऑक्सीजन के किसी भी स्रोत (source) के पास,
(iv) या अन्य किसी भी आग पकड़ने वाले सामान के आस-पास, कभी भी बीड़ी-सिगरेट नहीं पीनी चाहिए। उन्हें चाहिए कि सिगरेट, बीड़ी के butts, बचे हुए टुकड़ों को अच्छी तरह से बुझाकर किसी सुरक्षित जगह पर फेंकें।
7. कोशिश करें कि आपके घरों में छोटे, multipurpose (ABC type) fire-extinguisher, आग बुझाने वाले यंत्र बिजली के मीटर के पास और रसोई में या उसके पास जरूर लगे हों और उन्हें चलाने का तरीका घर के हर सदस्य को आना इलाज़मी है। समय-समय पर उन्हें खाली करना और refill, दुबारा भरवाना भी ज़रूरी है।
8. हो सके तो आपकी कार में भी एक छोटा fire-extinguisher, आग बुझाने वाला यंत्र होना चाहिए जो कि किसी भी car accessories की दुकान पर आसानी से मिल जाते हैं। उन्हें चलाने व इस्तेमाल करने का तरीका भी ज़रूर सीखें।
9. हमेशा याद रखें कि emergency, आपातकालीन समय में :
पुलिस सहायता : 100
Fire brigade, अग्निशामक दल, दमकल : 101
Ambulance, एम्बुलेंस : 102
नम्बरों पर उपलब्ध हैं। यह आपातकालीन नम्बर आपके घर में किसी भी एक जगह पर लिखे होने चाहिऐं और घर के हर सदस्य को मालूम होना चाहिए कि आपात स्थिति में इन्हें जल्द से जल्द कैसे मिलाकर, इनसे सम्पर्क करना चाहिए।
(इसी तरह से हर शहर का Woman helpline number यानि कि आपात स्थिति में औरतों और युवतियों की फोन पर सहायता का नम्बर भी हर औरत और बच्ची के पास होना चाहिए)
अगर दुर्भाग्यवश आग लग जाए और आप उसे बुझा नहीं पा रहे तो बिना देरी किए किसी सुरक्षित जगह से 101 नम्बर मिलाऐं और आग आग कहकर चिल्लाना शुरू कर दें।
10. हो सकता है आपको यह हिदायत अटपटी लगे मगर कोशिश करें कि हर कमरे में दो दरवाज़े होने चाहिऐं और घर से बाहर जाने के भी कम से कम दो विकल्प (options) होने चाहिए। आग से बचने का यह सबसे पहला असूल है।
11. पश्चिमी और विकसित (developed) देशों में हर घर में fire और smoke alarms, carbon monoxide detectors, water-sprinklers आदि का इस्तेमाल बहुत आम बात है लेकिन हमारे देश में अभी इनका इस्तेमाल बहुत कम और सीमित है। लेकिन अगर आज कल के नये घरों में लोग modular Kitchens लगवा सकते हैं तो कोशिश होनी चाहिए कि smoke और fire alarms/detectors और fire - extinguisher भी ज़रूर लगवाए जाऐं।
आजकल हमारे हर शहर में apartments और flats बन रहे हैं। वहाँ पर रहने वालों को सुनिश्चित करना चाहिए कि building (इमारत) को fire department से NOC मिला हुआ है, आग से बचने के लिए एक और रास्ता या सीढ़ियाँ हैं। Fire और smoke alarms/detectors, water sprinklers, water hoses ( पानी की नलियाँ), water tanks इत्यादि बिल्कुल ठीक-ठाक काम कर रहे हैं और समय-समय पर उनकी maintenance, रखरखाव किया जाता है।
सुनिश्चित करें कि आपके दफ्तर, offices और काम करने वाली जगहों पर भी ऊपर लिखे हुए उपकरण आदि चालू हालत में हैं और apartments और दफ्तरों में mock fire drills यानि कि आग से बचने के दिखावटी अभ्यास समय-समय पर होते रहते हैं।
अगर आप कहीं पर भी आग में फँस जाएं तो :
1. शान्त रहें, घबराएं नहीं, भगदड़ ना मचाऐं, और धीरज ना खोऐं। जल्द से जल्द बिना किसी खतरे या जोखिम को उठाए बिना बाहर निकलने की कोशिश करें।
2. अगर किसी कमरे में हैं तो निकलने से पहले उसके handle को उल्टे हाथे से छुऐं ।
3. कमरे से बाहर जाते हुए दरवाजे को बंद करें ताकि आग फैल ना सके।
4. अगर रास्ते में धुंआ भरा हुआ है तो रूक जाऐं व कोई और रास्ता या exit तलाशें ।
5. आग लगने की स्थिति में गलती से भी लिफ्ट (lift) का इस्तेमाल ना करें।
6. किसी safe, महफूज़ जगह पर खड़े होकर मदद प्राप्त करने की कोशिश करें।
7. जितना हो सके उतना ऊँचा "आग-आग और help-help" चिल्लाऐं ।
8. अगर आग तेज़ है तो किसी भी सामान को बचाने की परवाह ना करें।
9. अगर धुँआ तेजी से फैल रहा है तो ज़मीन या फर्श पर लेट जाऐं और कोहनी और घुटनों के बल चलें क्योंकि जमीन, फर्श और नीचे की तरफ धुंआ और जहरीली गैस कम होती हैं।
10. अगर बाहर निकल पाना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है तो किसी ऐसी जगह पर जाऐं जहाँ आग और धुँआ ना पहुँचा हो, दरवाजा बंद करके सभी vents, झरोखे और छेदों को किसी भी कपड़े आदि से ढक दें ताकि अंदर धुँआ ना भरे और किसी खिड़की के पास पहुँचकर शोर मचाकर या चादर या कोई कपड़ा लटका कर दूसरों का ध्यान खींचने की कोशिश करें। अगर आपके पास मोबाईल या फोन है तो जहाँ से भी मदद मिल सकती है वहाँ सम्पर्क करें।
11. अगर कुछ भी मुमकिन नहीं हो पा रहा तो सबसे ऊपर खुली छत पर पहुँचने की कोशिश करें और वहाँ पर पहुँच जाऐं तो धीरज और हौसला ना खोऐं और ना ही तब तक नीचे कूदें जब तक बचाव दल या कोई बचावकर्ता आपको ऐसा करने को ना कहे। अगर सीढ़ियों से छत की तरफ कोई दरवाजा है तो उसे बंद कर दें ताकि आग ऊपर तक ना फैल सके।
12. अगर कभी भी आपके कपड़ों में आग लग जाए तो:
STOP, DROP and ROLL : रूक जाऐं, जमीन या फर्श पर गिर जाऐं या लेट जाऐं और तब तक लुढ़कते और लोटते रहें जब तक कपड़ों और शरीर पर लगी आग बुझ ना जाए। आग के बुझते ही जल्दी से जल्दी जली हुई चमड़ी, त्वचा पर पानी डालें।
अपने घर, मौहल्ले, दफ्तर, दुकान, काम करने वाली जगह आदि पर आग से बचने का plan, योजना और नक्शा हमेशा आपके दिमाग में होना चाहिए और हो सके तो उसे अपने घरवालों, साथी-कर्मचारियों और बाकी सम्बन्धित लोगों के साथ भी साँझा करके रखें। याद रखें :
Fire is everyone's personal responsibility.
आग हर व्यक्ति की निजी ज़िम्मेदारी है।
और
Prevention is better than cure.
इलाज से रोकथाम, निवारण कहीं बेहतर है।
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