गुरूद्वारा श्री सुखधाम साहिब, अलवर
देश के बंटवारे के बाद संत शिरोमणि श्री 108 श्री वासदेव शाह सिंघ जी महाराज ने सति सांवल शाह सिंघ जी की गद्दी जो कि पाकिस्तान में डेरा इस्माईल खाँ में थी वह अलवर शहर, राजस्थान में स्थापित की व उन्होंने अपने पूर्वजों भाई सोमा शाह जी एवं सति सांवल शाह सिंघ जी की याद में एक भव्य गुरूद्वारा जो कि श्री सुखधाम साहिब के नाम से जाना जाता है की स्थापना अलवर शहर के मुख्य बाज़ार में (होप सर्कस के पास) की। इस भव्य गुरूद्वारा साहिब का नवीकरण संतरेन डाॅ० हरभजन शाह सिंघ जी, गद्दी नशीन ने 2011-13 में करवाया।  
 

गुरूद्वारा साहिब में प्रतिदिन नितनेम, सुखमनी साहिब जी का पाठ, आसा दी वार का कीर्तन एवं गुरबाणी कीर्तन का आयोजन किया जाता है। प्रतिमाह संग्रांद, अमावस्या एवं पूर्णमासी को कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाता है। उपरान्त गुरू का लंगर भी अटूट वरताया जाता है। प्रति बुधवार दोपहर को गुरूद्वारा श्री सुखधाम साहिब में संगत द्वारा सुखमनी साहिब जी का पाठ किया जाता है।

श्री गुरू नानक देव जी एवं श्री गुरू गोबिंद सिंघ जी का प्रकाश पर्व भी यहां पर बड़े उत्साह, श्रद्धा एवं भव्य तरीके से मनाया जाता है व गुरू अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस भी बहुत उत्साह से मनाया जाता है व छबील भी लगाई जाती है। यहाँ पर सहज पाठ के निरंतर प्रवाह के साथ समय-समय पर अखण्ड पाठ साहिब की लड़ियों का भी आयोजन किया जाता है।

श्री गुरू अर्जुन देव जी के कहने पर संतान प्राप्ति के लिए माता गंगाजी, बाबा बुड्ढा जी के लिए मिस्सी रोटी व प्याज़ का लंगर लेकर गये थे। प्रतिवर्ष जून में (हाड़ की संग्रांद से अगले शुक्रवार) बाबा बुड्ढ़ा जी को समर्पित कार्यक्रम में कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाता है एवं महाराज श्री के मुखारविन्द से कथा रूपी अमृत वर्षा होती है। इस दिन मिस्सी रोटी व प्याज़ का लंगर बाँटा जाता है जो कि संगत अपने घर से लेकर आती है।

प्रति वर्ष यहां पर संगत द्वारा वैसाखी का पर्व संतरेन डाॅ० हरभजन शाह सिंघ जी की गद्दी नशीनी दिवस के रूप में बड़े ही प्यार, उत्साह व श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।

 
 

हर वर्ष फरवरी के महीने में अलवर में वार्षिक गुरमुख सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। 12 फरवरी को संग्रांद वाले दिन गुरूद्वारा साहिब में संतरेन डाॅ० हरभजन शाह सिंघ जी द्वारा ‘बारह माहा' की कथा की जाती है। 15 फरवरी को प्रातः अखण्ड पाठ साहिब आरम्भ किये जाते हैं व 15, 16 एवं 17 फरवरी को देश के कोने-कोने से हज़ारों की संख्या में संगत गुरूद्वारा साहिब पहुंच कर अपना जीवन धन्य करती है व इस समारोह में गुरूद्वारा साहिब की भव्य शोभा देखने लायक होती है और इन्हीं तीन दिनों में 6, सुखसागर भवन, अलवर में अखण्ड कीर्तन का आयोजन किया जाता है।