देश के बंटवारे के बाद डेरा इस्माईल खाँ से अलवर शहर, राजस्थान में आकर संत शिरोमणि श्री 108 श्री वासदेव शाह सिंघ जी महाराज ने 6, सुखसागर भवन, मनु मार्ग को अपना निवास स्थान बनाया। यह स्थान कोठी साहिब के नाम से भी प्रसिद्ध है। अब यहां संतरेन डाॅ० हरभजन शाह सिंघ जी, गद्दी नशीन का भी निवास स्थान है। इस स्थान पर ‘संत सुखदेव शाह धर्मार्थ चिकित्सालय’ भी है, जिसकी शुरूआत गुरदेव पिता संतरेन बाबा रघबीर शाह सिंघ जी महाराज ने अपने दादा जी परमहंस संत श्री सुखदेव शाह जी महाराज की स्मृति में सन् 1999 में की थी व संस्थान के द्वारा यहां पर एक नर्सिंग काॅलेज भी चलाया जा रहा है। यहां पर प्रतिवर्ष फरवरी के महीने में वार्षिक गुरमुख सम्मेलन का आयोजन भी किया जाता है, जिसके अंतर्गत यहां पर लगभग एक माह से ज़्यादा विभिन्न तरह की अटूट सेवाएं चलती हैं व देश से हज़ारों की संख्या में संगत इस समारोह में भाग लेने के लिए आती है। यहाँ पर हर रविवार सुबह संगत द्वारा सुखमनी साहिब जी का पाठ किया जाता है। |