गुरूद्वारा श्री सुखधाम साहिब, रुड़की

सन् 1953-55 में संत शिरोमणि श्री 108 श्री वासदेव शाह सिंघ जी महाराज ने रुड़की शहर में अपने पूर्वजों भाई सोमा शाह जी एवं सति सांवल शाह सिंघ जी की स्मृति में एक गुरूद्वारा जो कि श्री सुखधाम साहिब के नाम से प्रसिद्ध है व सुखदेव नगर की स्थापना की। यह सुखदेव नगर आज रुड़की शहर की एक प्रसिद्ध आवासीय काॅलोनी है। गुरूद्वारा साहिब में प्रतिदिन नितनेम, सुखमनी साहिब जी का पाठ, आसा दी वार का कीर्तन व गुरबाणी कीर्तन का आयोजन किया जाता है। यहाँ पर सहज पाठ के निरंतर प्रवाह के साथ समय-समय पर अखण्ड पाठ साहिब की लड़ियों का भी आयोजन किया जाता है।

 

गुरूद्वारा श्री सुखधाम साहिब, रुड़की में प्रतिवर्ष 30, 31 मार्च व 1 अप्रैल को गुरदेव पिता ब्रह्मलीन संतरेन बाबा रघबीर शाह सिंघ जी महाराज एवं गुरमाता ब्रह्मलीन मल्लिका निरमान शाह जी की मधुर स्मृति में सालाना समारोह, जुलाई/अगस्त के महीने में 3 दिन का गुरू पूर्णिमा उत्सव व 24, 25 एवं 26 नवम्बर को संत शिरोमणि श्री 108 श्री वासदेव शाह सिंघ जी महाराज की पुण्यतिथि गुरसंगत सम्मेलन के रूप में आयोजित की जाती है। इन आयोजनों/समारोहों में भाग लेने के लिए देश से हज़ारों की संख्या में संगत यहां पहुंचती है।

 

प्रतिमाह संग्रांद, अमावस्या एवं पूर्णमासी को कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाता है, उपरांत गुरू का अटूट लंगर वरताया जाता है। श्री गुरू नानक देव जी एवं श्री गुरू गोबिंद सिंघ जी का प्रकाश पर्व भी यहां पर बड़े उत्साह, श्रद्धा एवं भव्य तरीके से मनाया जाता है। प्रति वर्ष वैसाखी का पर्व भी यहां बड़े उत्साह व श्रद्धा से मनाया जाता है।