गुरसंगत विवाह

आदर्श विवाह, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक व अन्य किसी भी प्रकार के दबाव के बिना। सादगी से परिपूर्ण। बिना दहेज व दिखावे के।
अपने बच्चों एवं सगे सम्बंधियों को गुरसंगत में विवाह के लिए प्रेरित करना।
लड़के के माता पिता अपनी बहू व बेटी में फर्क न समझें व लड़की के माता पिता लड़की के घर/ससुराल में किसी भी प्रकार से दखल अंदाज़ी न करें।
लड़की/बहू अपने सास ससुर को माता पिता की तरह ही सम्मान दे।
वर व वधू को आदर्श पति पत्नी और माता पिता होने का दायित्व निभाना।
आने वाले समय में पति पत्नी या दोनों परिवारों का किसी भी प्रकार का पारिवारिक मतभेद शांति से परिवार में ही सुलझाया जाना।